जीव विज्ञान का अर्थ क्या है और जीव विज्ञान का जनक कौन है जीव विज्ञान यानी बायोलॉजी साइंस का ही एक अहम हिस्सा है। जैसा कि आप जानते हैं कि भौतिकी और रसायन विज्ञान विज्ञान के अंग हैं। रसायन विज्ञान में हम पदार्थ की संरचना के बारे में और भौतिकी में हम पदार्थों के भौतिक व्यवहार के बारे में पढ़ते हैं। रसायन विज्ञान के जनक कौन है क्लिक करके यह भी जरूर जाने।
जबकि जीव विज्ञान में, जीव की संरचना और कार्यों, विकास, उत्पत्ति, पहचान, वितरण और उनके वर्गीकरण के बारे में अध्ययन करते हैं।
वैसे तो जैविकी का इतिहास बहुत पुराना है मगर आज के समय में बायोसाइंस का क्षेत्र बहुत फैला हुआ है। इसकी बहुत सी स्वतंत्र शाखाएं और अनेकों शाखाएं भौतिकी, रसायन विज्ञान, मेडिसिन के साथ जीव विज्ञान के एकीकरण के फलस्वरूप उत्पन्न हुई हैं। यह लेख इस विज्ञान के बारे में विस्तार से है।
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जीव विज्ञान क्या है?
जीव विज्ञान, विज्ञान का ही एक प्रकार है जिसमें हम जीवित चीज़ों और उनसे सम्बंधित सभी जैविक प्रक्रियाओं के साथ-साथ उनके जीवन के सभी भौतिक एवं रासायनिक पहलुओं का अध्ययन विस्तारपूर्वक और व्यावहारिक (प्रैक्टिकल) रूप में करते हैं।
सभी सजीवों के जीवन जीने की गतिविधियों के भौतिक और रासायनिक ज्ञान का क्रमबद्ध स्वरूप ही जीव विज्ञान कहलाता है। जैविकी में हम विभिन्न प्रकार के सजीवों की कार्य की शैली, वृद्धि के तरीके, शारीरिक रचना, उत्पत्ति, पहचान और वर्गीकरण आदि के बारे में पढ़ते हैं।
जीव विज्ञान का अर्थ क्या है?
जीव विज्ञान का अर्थ होता है जीवन का अध्ययन क्योंकि जीव विज्ञान यानी “Biology” के संधि विच्छेद शब्द Bios (जीवन) + Logos ( अध्ययन) हैं जोकि ग्रीक भाषा के अंतर्गत आते हैं। जीव विज्ञान को हिंदी में जैविकी भी कहते हैं। इसका संस्कृत शब्द जीवविज्ञानम् है।
जीव विज्ञान की परिभाषा क्या है?
जीव विज्ञान को विज्ञान की उस शाखा के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें जीवित चीजों का अध्ययन किया जाता है, जो विभिन्न प्रकार के विशेषज्ञ विषयों में विभाजित है और उनके आकारिकी, शरीर विज्ञान, शरीर रचना विज्ञान, व्यवहार, उत्पत्ति और वितरण को संबोधित करता है।
जीव क्या है?
जीव इकोसिस्टम की सबसे छोटी इकाई है जिसकी उत्पत्ति और विकास एक निश्चित प्राकृतिक और प्रजातीय प्रक्रिया के तहत होता है। जिनका अस्तित्व और जीवनकाल सीमित होता है। सभी जीव अपने जीवनकाल में पोषण, प्रजनन, श्वसन और संवेदनशीलता जैसी कुछ मौलिक प्रक्रियाएं भी करते हैं।
जीव विज्ञान कितने प्रकार के होते हैं?
जीवों का वर्गीकरण अनेकों श्रेणियों में विभिन्न आधार पर किया गया है जो कि इस प्रकार हैं :-
- मोनेरा जगत (Monera)
- प्रोटिस्टा जगत (Protista)
- कवक जगत (Fungi)
- पादप जगत (Plantae)
- जंतु जगत (Animal)
जंतुओं की सभी प्रजातिओं को अंग्रेजी में fauna जबकि पादप यानि कि पेड़-पौधों को flora कहते हैं।
जीव विज्ञान के 3 प्रकार क्या हैं?
अगर जैविकी की शाखाओं की बात की जाए तो बायोलॉजी का क्षेत्र बहुत बड़ा होने के कारण की इसकी बहुत सी शाखाएं और उप शाखाएं हैं जिनमें से बायोलॉजी की तीन प्रमुख शाखाएं निम्नलिखित हैं:-
1. वनस्पति विज्ञान
यह जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसमें पेड़-पौधों यानी कि फ़्लोरा के बारे में अध्ययन किया जाता है। इसमें पादपों के विकास, श्वसन, प्रजनन और प्रकाश संश्लेषण जैसी प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। जैसा कि आप जानते हैं पौधे श्वसन के लिए कार्बन डाई ऑक्साइड का उपयोग करते हैं।
प्रकाश संश्लेषण पादपों में होने वाली बहुत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह प्रकाश की उपस्थिति में संपन्न होती है और इसी प्रक्रिया के दौरान पौधे अपने भोजन का निर्माण करते हैं इसे जीव विज्ञान की भाषा में पौधों के पोषण की प्रक्रिया भी कहते हैं।
2. प्राणी विज्ञान
प्राणी विज्ञान को जीव विज्ञान की शाखा के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें जंतुओं की जीवन की प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। जंतुओं में छोटे कीड़े से लेकर हाथी और व्हेल जैसे विशालकाय स्तनधारी शामिल हैं।
इसमें जानवरों की रहन सहन उनकी द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र के साथ तालमेल उनके द्वारा किए जाने वाले अनुकूलन और मौलिक प्रक्रियाओं जैसे पोषण श्वसन प्रजनन और व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है।
3. सूक्ष्म जीव विज्ञान
सूक्ष्म जीव विज्ञान को कीटाणु विज्ञान भी कहते हैं। इसमें सूक्ष्म जीवों पर अध्ययन किया जाता है। कीटाणु हमारे लिए फ़ायदेमंद और हानिकारक होते हैं। हम इनका उपयोग बहुत तरीके से करते हैं जैसे कि दही बनाने से लेकर बीमारियों के इलाज़ तक। अतः कीटाणुओं के फायदों और हानियों, उनके उपयोग के तरीकों के अध्ययन को ही सूक्ष्म जीव विज्ञान कहते हैं।
आज के समय में कीटाणुओं के हानिकारक प्रभावों का उपयोग भी किया जा रहा है। जो कि चिंताजनक है। कई देशों की सेनाएं जैविक युद्ध में इन हानिकारक कीटाणुओं का उपयोग करती है।
जीव विज्ञान के पिता या फिर जीव विज्ञान का जनक कौन है?
जीव विज्ञान का जनक अरस्तू को कहा जाता है। वे यूनानी दार्शनिक थे उन्होंने जंतु इतिहास नाम की किताब लिखी जिसमें लगभग पांच सौ प्रकार के जानवरों की जीवन प्रक्रिया के बारे में दर्शाया है। क्या आप जानते हैं कि भौतिक विज्ञान के जनक कौन हैं?

वनस्पति विज्ञान के जनक कौन हैं?
अरस्तू के शिष्य ‘थियोफ्रेस्टस’ को वनस्पति विज्ञान का जनक माना जाता है। हिस्टोरिया प्लांटारम जैसी कई किताबें उनके द्वारा लिखी गईं हैं जिसमें उन्होंने अंकुरण और खेती के बारे में बताया है।
सूक्ष्म जीव विज्ञान के पिता कौन हैं?
एंटोनी वैन लीउवेनहोक को सूक्ष्म जीव विज्ञान का जनक माना जाता है। इन्होंने ही बैक्टीरिया की खोज की थी। उनका कीटाणु विज्ञान में अतुलनीय योगदान है।
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Que 1. विज्ञान का दूसरा नाम क्या है?
जीव विज्ञान को हिंदी में जैविकी भी कहते हैं। इसका संस्कृत शब्द जीवविज्ञानम् है।
Que 2. 7 प्रकार के जीव कौन से हैं?
बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ, शैवाल, आर्किया, कवक, बहुकोशिकीय पशु (हेल्मिन्थ्स) और वायरस 7 प्रकार के जीव हैं।
Que 3. जीव विज्ञान कितने प्रकार के होते हैं?
जीव विज्ञान 3 प्रकार के होते हैं।
Que 6. जीव विज्ञान कहां से आया?
जीव विज्ञान के एकीकरण के फलस्वरूप उत्पन्न हुई हैं। यह लेख इस विज्ञान के बारे में विस्तार से है।
Que 7. जीव विज्ञान की खोज कब हुई?
जीव विज्ञान की खोज 1799 में थॉमस बेडडोस, 1800 में कार्ल फ्रेडरिक बर्डच और 1802 में जीन-बैप्टिस्ट लैमार्क ने की थी।
Que 9. जीव विज्ञान का जन्म कब हुआ?
थॉमस बेडडोस के अनुसार 1799 में, कार्ल फ्रेडरिक बर्डच के अनुसार 1800 में और जीन-बैप्टिस्ट लैमार्क के अनुसार1802 में जीव विज्ञान का जन्म हुआ।
Que 10. जीव विज्ञान की खोज किसने की थी?
जीव विज्ञान की खोज 1799 में थॉमस बेडडोस, 1800 में कार्ल फ्रेडरिक बर्डच और 1802 में जीन-बैप्टिस्ट लैमार्क ने की थी।
Conclusion:
तो अभी हमने जीव विज्ञान का अर्थ क्या है और जीव विज्ञान का जनक कौन है अगर अभी भी आपको समझने में कोई Problem हो.
तो आप नीचे कमेंट करके जरूर बताएं मैं पूरी कोशिश करूंगा कि मैं आपकी जीव विज्ञान का अर्थ क्या है से संबंधित हर समस्या का Solution आपको Provide कर सकूँ ।
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