रेलवे में लोको पायलट कैसे बनें और Co लोको पायलट कैसे बनें- रेल विभाग में लोको पायलट की नौकरी बहुत अच्छी होती है। इंजीनियरों का सपना होता है, खासकर मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र जो सरकारी नौकरी करना चाहते हैं, उनके लिए ट्रेन लोको पायलट बनने का अच्छा मौका है।
यह तो सच है कि रेलवे ड्राइवर एक रुतबे वाली जॉब है मगर सवाल यह उठता है कि लोको पायलट कैसे बनें। आपको फिर से याद दिला दें कि लोको पायलट बनने के बाद आपको ट्रेन का संचालन करना होगा यानि कि लोको पायलट को ट्रेन का ड्राइवर भी कहा जाता है।
लोको पायलट रेल विभाग में बहुत ही जिम्मेदाराना और वरिष्ठ स्तर की नौकरी होती है इसको ग्रेड बी की पोस्ट की लिस्ट में रखा गया है। अभ्यर्थी को लोको पायलट का पद देने से पहले उसे अस्सिटेंट लोको पायलट बनाया जाता है और फिर क्रमशः लोको पायलट तथा सीनियर ट्रेन ड्राइवर (लोको पायलट) की पोस्ट के लिए प्रमोट कर दिया जाता है।
असिस्टेंट लोको पायलट कैसे बनें?
अब हम आपको सहायक या सहायक लोको पायलट कैसे बने के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं, इसके लिए रेलवे विभाग समय-समय पर आरआरबी एएलपी परीक्षा आयोजित करता है, जिसमें उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं और एग्जाम अटेम्प्ट कर सकते हैं।
आरआरबी एएलपी परीक्षा के बारे में बात की जाए तो यह रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा हर साल सामान्य रूप से आयोजित कराई जाने वाला एग्जाम है जिसके आधार पर ही असिस्टेंट लोको पायलट का चयन किया जाता है। बोर्ड एग्जाम की अधिसूचना जारी करते समय एएलपी परीक्षा का पैटर्न और सिलेबस प्रकाशित करता है।
ALP के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?
एएलपी यानी सहायक लोको पायलट बनने के लिए रेल विभाग ने विभिन्न प्रकार की योग्यताओं की मांग की है जो इस प्रकार हैं-
1. शैक्षणिक योग्यता
आरआरबी एएलपी अभ्यर्थी ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं और 12वीं कक्षा कम से कम ५०% अंकों के साथ पूरी की हो और उसके पास एनसीवीटी एआईसीटीई या एससीवीटी द्वारा जारी आईटीआई डिप्लोमा या पॉलिटेक्निक डिप्लोमा प्रमाणपत्र होना चाहिए।
डिप्लोमा के लिए इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक, मैकेनिकल या ऑटोमोबाइल में कोई भी ट्रेड स्वीकार्य है। यदि किसी उम्मीदवार ने बी.टेक की डिग्री कर ली है तो वह भी एएलपी परीक्षा देने के लिए पात्र होगा लेकिन बी.टेक भी उपरोक्त शाखाओं से होना आवश्यक है।
2. आयु सीमा
आरआरबी लोको पायलट के लिए सामान्य उम्र 18 से 28 तक होनी चाहिए। मगर रेलवे ने ओबीसी और एससी केटेगरी के लिए आयु सीमा में छूट दी है जैसे कि एससी वर्ग के लिए 5 वर्ष की और ओबीसी के लिए तीन वर्ष की छूट। ओबीसी और एससी केटेगरी के अभ्यर्थी क्रमश: 31 और 33 वर्ष की आयु तक RRB ALP की परीक्षा दे सकते हैं।
विकलांग अभ्यर्थियों के लिए General/EWS केटेगरी में 38 वर्ष , ओबीसी के लिए 41 वर्ष और एससी के लिए 43 वर्ष की उम्र निर्धारित की गयी है। आर्म्ड फोर्सेज में 15 वर्ष तक सेवा देने वाले अभ्यर्थी 50 वर्ष तक की उम्र एग्जाम दे सकते हैं।
3. शारीरिक मापदंड
loco pilot के लिए उम्मीदवार की लम्बाई की कोई सीमा नहीं है, लेकिन आपका वजन और ऊंचाई एक निश्चित अनुपात में होनी चाहिए जिसे हम बीएमआई के रूप में जानते हैं। अभ्यर्थी किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं होना चाहिए।
आरआरबी लोको पायलट उम्मीदवार की आँखे पूर्ण रूप से स्वस्थ होनी आवश्यक हैं। उसकी नजर कमजोर और उसको कलर ब्लाइंडनेस नहीं होनी चाहिए। उसका विज़न 6 /6 का होना चाहिए।
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आरआरबी एएलपी एग्जाम लेटेस्ट पैटर्न
ALP एग्जाम मुख्यत: तीन चरणों में होता है जिनमें से पहले दो पास करने पर टैक्नीशियन बन जाते हैं जबकि तीसरे एग्जाम में पास होने के बाद अस्सिटेंट लोको पायलट बन जाते हैं:-
1. सीबीटी प्रथम (CBT 1)
पहला सीबीटी अभ्यर्थी की स्क्रीनिंग करने के लिए होता है यह कुल 75 अंकों और 60 मिनट का होता है। इसके माध्यम से उम्मीदवार की रीजनिंग और तार्किक क्षमताओं का पता लगता है। इसमें मुख्यत: गणित, जनरल इंटेलिजेंस एंड रीजनिंग, सामान्य विज्ञान और जनरल अवेयरनेस और करंट अफेयर्स जैसी विषय रहती हैं।
गणित का सिलेबस का सिलेबस BODMAS, त्रिकोणमिति, प्रारंभिक सांख्यिकी, और समानुपात, प्रतिशत, क्षेत्रमिति, समय और कार्य; समय और दूरी, साधारण और चक्रवृद्धि ब्याज, संख्या प्रणाली, लाभ और हानि, बीजगणित, ज्यामिति और दशमलव, भिन्न, अनुपात, और घड़ी, पाइप आदि रहता है।
जनरल साइंस का सिलेबस 10वीं कक्षा के स्तर का भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवन विज्ञान रहता है और जनरल अवेयरनेस & करंट अफेयर्स का पाठ्यक्रम विज्ञान और प्रौद्योगिकी, खेल, संस्कृति, व्यक्तित्व, अर्थशास्त्र, राजनीति है।
२. सीबीटी द्वितीय (PART ए & बी)
सीबीटी 2 दो भागों में होता है पहला भाग A जो 100 अंकों और 90 मिनट का होता है तथा दूसरा भाग 75 अंकों और 60 मिनट का होता है। सीबीटी पार्ट 2 आपको केवल क्वालीफाई करना होगा यदि आप ऐसा करते हैं तो आप तकनीशियन पद के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करा सकते हैं या फिर एएलपी के लिए कम्प्यूटर आधारित Aptitude परीक्षा दे सकते हैं।
सीबीटी द्वितीय एग्जाम के दोनों चरणों में विषय सीबीटी प्रथम की तरह ही लगभग समान रहती हैं केवल मौलिक विज्ञान और इंजीनियरिंग विषय बढ़ जाती है। यदि सिलेबस की बात की जाए तो इनका सिलेबस भी समान रहता है।
मौलिक विज्ञान और इंजीनियरिंग का सिलेबस इंजीनियरिंग ड्राइंग (अनुमान, आंकड़े, प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व, रेखाएं, ज्यामितीय दृश्य, ड्राइंग उपकरण), वजन और घनत्व, कार्य शक्ति और ऊर्जा, गति और वेग, गर्मी और तापमान, बुनियादी बिजली, लीवर और सरल मशीनें, व्यावसायिक सुरक्षा और इकाइयां, माप, द्रव्यमान, आईटी साक्षरता आदि होता है।
3. साइको टेस्ट (Psychology Test)
लिखित परीक्षा पास करने के बाद एक ट्रेन चालक को परीक्षा देनी होगी। इस परीक्षा में आपकी मानसिक क्षमताओं की जांच की जाएगी। यह दर्शाता है कि आप दिमागी रूप से कितने स्वस्थ हैं और कितनी जल्दी फैसले ले सकते हैं। इसमें दिमाग घुमाने वाला सवाल पूछा जाता है इसलिए उत्तर देने से पहले सोच-समझ लेना चाहिए।
अनुशंसित पुस्तकें (Recommended Books)
आरआरबी एएलपी परीक्षा के लिए Recommended Books की लिस्ट निम्नलिखित है:-
विषय का नाम | आरआरबी एएलपी पुस्तकें | प्रकाशन/लेखक |
जनरल इंटेलिजेंस एंड रीजनिंग | 1.मौखिक और गैर-मौखिक तर्क रीजनिंग 2.तर्क का परीक्षण | डॉ आर एस अग्रवाल एडगर थोरपे |
गणित | 1. मात्रात्मक योग्यता 2. एनसीईआरटी मैथ्स कक्षा 6 से क्लास 11 तक | आरएस अग्रवाल एनसीईआरटी प्रकाशन |
सामान्य विज्ञान | 1. एनसीईआरटी पुस्तकें – दसवीं, बारहवीं कक्षा 2. रवि भूषण द्वारा सामान्य विज्ञान | – – |
जनरल अवेयरनेस और करंट अफेयर्स | 1. ल्यूसेंट का सामान्य ज्ञान 2. मनोरमा इयरबुक 3. करंट अफेयर्स के लिए प्रतियोगिता दर्पण (पत्रिका) | – – – |
Co लोको पायलट कैसे बनें?

लोको पायलट बनने के लिए कोई डायरेक्ट टेस्ट या एग्जाम नहीं होता इसके लिए अभ्यर्थी को कुछ वर्षों तक ट्रेन ड्राइव करने का अनुभव प्राप्त होना चाहिए। आपको पहले सहायक ट्रेन चालक (Assistant loco Pilot) बनना होगा और रेल चलाने की ट्रेनिंग लेनी होगी।
भारतीय रेल विभाग मालगाड़ी चलाने का काम सहायक लोको पायलट को प्रशिक्षण के बाद देता है और जब उच्च अधिकारियों को लगता है कि प्रशिक्षु अब पूरी तरह से परिपक्व हो गया है, उसके बाद उसे यात्री ट्रेन चलाने की अनुमति दी जाती है।
ट्रेन चालक के प्रकार
आपको बता दें कि भारतीय रेलवे में दो तरह के लोकोमोटिव इंजन होते हैं, जिनमें पहला डीजल इंजन और दूसरा इलेक्ट्रिक इंजन होता है। पहले के समय में कोयले से चलने वाले इंजन को भी को भी काम में लाया जाता था और यह मुख्य भी था।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग वाले उम्मीदवार डीजल इंजन संचालित कर सकते हैं और इलेक्ट्रिकल ट्रेड में इंजीनियरिंग डिग्री रखने वाले उम्मीदवार इलेक्ट्रिकल इंजन संचालित कर सकते हैं। इलेक्ट्रिकल डिग्री धारक डीजल इंजन चला सकते हैं लेकिन मैकेनिकल वाले इलेक्ट्रिकल इंजन नहीं चला सकते।
लोको पायलट कैसे बनें कुछ टिप्स
- लोको पायलट बनने के लिए आवश्यक योग्यता प्राप्त करें।
- आरआरबी एएलपी एग्जाम लेटेस्ट पैटर्न के अनुसार तैयारी करें।
- अनुशंसित पुस्तकों (Recommended Books) का ही अध्ययन करें।
- पहले सहायक लोको पायलट बनें और अनुभव प्राप्त करें। और
- बहुत उपयोगी विषयों और प्रश्नों को अतिरिक्त समय दें।
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समापन शब्द
यह बहुत ही अच्छी जॉब है। इसके लिए आपको फोकस के साथ कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता है। हमने आपको बता ही दिया है कि लोको पायलट कैसे बनें। आप जानते ही हैं कि इस नौकरी के लिए कितना कम्पटीशन है। आपको हताश होने की जरूरत नहीं है बस कुछ नियमों को फॉलो करने की जरूरत है।
यदि आप सोच रहे हैं की यदि हम लोको पायलट नहीं बन पाए तो हमारे करियर का क्या होगा। आप चिंता न करें डिप्लोमा करने के बाद कई सरकारी नौकरी हैं जिन्हें आप कर सकते हैं। आप जूनियर इंजीनियर बन सकते हैं। आप हमारे लेख बिजली विभाग में जेई कैसे बनें को पढ़ सकते हैं।
आईटीआई के बाद पॉलिटेक्निक कैसे करें
Conclusion:
तो उम्मीद है कि आपको समझ आ गया होगा कि रेलवे में लोको पायलट कैसे बनें 2023 और Co लोको पायलट कैसे बनें? अगर अभी भी आपको समझने में कोई Problem हो.
तो आप नीचे कमेंट करके जरूर बताएं मैं पूरी कोशिश करूंगा कि मैं आपकी रेलवे में लोको पायलट कैसे बनें 2023 से संबंधित हर समस्या का Solution आपको Provide कर सकूँ।
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