नमस्कार, न्यूज़लैगेटर के इस लेख में आपका स्वागत है। दोस्तों, आप पहले से ही जानते हैं कि विज्ञान में रसायन विज्ञान कितनी महत्वपूर्ण है। इसका अंदाजा आप रसायन विज्ञान की परिभाषा से ही लगा सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि रसायन विज्ञान के जनक का नाम क्या है? अगर नहीं कोई बात नहीं हम रसायन विज्ञान के पिता के बारे में ही बात करने जा रहे हैं।
भौतिकी के जनक कौन है यह भी अक्सर कर पूछा जाने वाला सवाल है जानने की लिए आप नीले कलर की टेक्स्ट पर क्लिक कर सकते हैं। खैर, चलिए अपने टॉपिक पर आते हैं और रसायन विज्ञान के फादर के बारे में जानते हैं। कृपया पोस्ट को आखिर तक पढ़ते रहें।
रसायन विज्ञान के जनक का नाम क्या है?
रसायन विज्ञान के जनक– एंटोनी लॉरेंट लवॉज़ियर को “रसायन विज्ञान के जनक” के रूप में जाना जाता है। उन्होंने बताया था कि वायु के मुख्य घटक नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन और ऑक्सीजन ज्वलनशीलता को कैसे प्रभावित करती है, Lavoisier को रसायन विज्ञान का पिता इसलिए कहा जाता है क्यूँकि उन्होंने ही आज उपयोग की जा रही रासायनिक तत्वों के नामकरण की प्रणाली की स्थापना की।
रसायन की खोज किसने की थी?
रसायन विज्ञान के पिता एंटोनी-लॉरेंट डी लावोज़ियर का जन्म 26 अगस्त 1743 को पेरिस, फ्रांस में हुआ था। रसायन विज्ञान में उन्होंने वही योगदान दिया है जो न्यूटन ने भौतिकी में दिया है। कोई भी पदार्थ अपना आकार या आकृति बदल सकता है, लेकिन उसका द्रव्यमान वही रहता है, यह सिद्धांत उनके द्वारा ही प्रतिपादित किया गया था।
उन्होंने दुनिया को बताया कि कोई भी तत्व गायब नहीं होता, केवल उसका रूप बदल सकता है। पहले यह माना जाता था कि पानी को मिट्टी में बदला जा सकता है मगर उनके कई विभिन्न प्रयोगों ने सिद्ध किया की पानी और धरती अलग अलग चीजें हैं।
परमाणु रसायन विज्ञान के जनक कौन है?
जॉन डाल्टन को परमाणु विज्ञान का जनक माना जाता है क्योंकि उन्होंने 1808 में परमाणु की खोज की थी। इस खोज ने 1900 के बाद आधुनिक विज्ञान की नींव और परमाणु ऊर्जा के अनुप्रयोगों को बताकर आज की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर दिया।
जॉन डाल्टन का जन्म 6 सितंबर, 1766 को इंग्लैंड के ईगल्सफील्ड में हुआ था। डाल्टन बचपन से ही बहुत तेज थे। वो इसी लिए 12 की उम्र से एक स्कूल में अध्यापक और बाद में प्रधानाध्यापक भी रहे थे।
भारत में रसायन विज्ञान के जनक कौन है?
भारत में रसायन विज्ञान का जनक महान वैज्ञानिक प्रफुल्ल चंद्र रे जी को माना जाता है उनका भारतीय रसायन के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान है। यही कारण है वे प्रतिभाशाली रसायनज्ञ होने के साथ भारतीय रसायन के पिता भी कहे जाते हैं।
बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स की स्थापना वर्ष 1901 में रसायन के पिता प्रफुल्ल चंद्र रे जी द्वारा हुई थी, जिसकी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया और कोरोना में सबसे प्रभावी दवाओं में से एक बन गई। जो कोरोना काल में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का सबसे बड़ा सप्लायर बना।
भारतीय परमाणु रसायन विज्ञान के जनक कौन हैं
डॉ. भाभा का पूरा नाम डॉ. होमी जहांगीर भाभा, जिन्होंने कुछ वैज्ञानिकों की मदद से भारत में परमाणु क्षेत्र में शोध शुरू किया, उन्हें सम्मानपूर्वक भारतीय परमाणु रसायन विज्ञान का जनक या पिता कहा जाता है। उनका दृष्टिकोण परमाणु तकनीक से भारत को मजबूत करना था।
डॉ भाभा की मौत 1966 में रहस्यमय कारणों से फ़्रांस जाते वक्त एक विमान दुर्घटना में हुई थी। जिसका कारण आज तक भी पता नहीं चल पाया है। उनकी मृत्यु के बाद 1967 में ट्राम्बे परमाणु रिसर्च सेन्टर का नाम डॉ भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र कर था। उनकी प्रतिभा का अंदाजा दो बातों से लगाया जा सकता है कि वे 31 उम्र में ही प्रोफ़ेसर बन गए थे और उन्होंने 1965 में मात्रा 18 महीने में परमाणु बम बनाने की बात कही थी।
आखिरी शब्द
दोस्तों, हमने अभी बहुत अच्छे तरीके से बात की महान रसायनज्ञों और रसायन विज्ञान के जनक कौन हैं। एंटोनी-लॉरेंट डी लावोज़ियर, जॉन डाल्टन और भारतीय रसायनज्ञ प्रफुल्ल चंद्र रे ने रसायन विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है, इसलिए उन्हें एक महान उपाधि दी गई है।
Conclusion:
तो अभी हमने रसायन विज्ञान के जनक का नाम क्या है अगर अभी भी आपको समझने में कोई Problem हो.
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